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health care cancer treatment and social
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There are two lungs in the human body, they are made up of bronchioles and breathing cells. Which itself is devoid of muscles.The main cause of lung cancer is cough, which can be dry or with phlegm.If blood comes out of mucus, then the symptoms of cancer become clear. Cough is a Smoking has a direct relation with lung cancer aused by smoking.
People working in mines or mines are affected by this disease.
aused by smoking..
Ayurvedic treatment of lung cancer.
————
1.pipali( Piper longum — use — Make powder of all and take one spoon morning and evening with honey.
2.Hirak Rasayan .+ Tal sindur + abrakh bhasm + Mayur pakxika bhasma+ swarna makshika bhasma+ swarn bhasm + singur bhasma ( swarn bhasma500mg ) aal bhasm 3 gram )
Not — Make powder of all and take one spoon morning and evening with honey.
3. Kankasw – 2 spoon med. + 2 spoon hot water take it day and night.
4. Talisadichurn – 1spoon day night With hot water
5. Ramvias ras + Arogyavardhini vati
– Take it – 2 -2Tablet par each day night
With – tulsi khadha 2 spoon + 2 spoon hot water day night.
Not.– Sitting at home through video call, showing the patient, showing the test, can ask for the full course of medicine
सम्पर्क सूत्र- Dr. U.K
BAMS , MD BHU Vvaransi
oncologist.
Mobile- 8294088919
singhumesh64305@gmail.com
There are two lungs in the human body, they are made up of bronchioles and breathing cells. Which itself is devoid of muscles.The main cause of lung cancer is cough, which can be dry or with phlegm.If blood comes out of mucus, then the symptoms of cancer become clear. Cough is a Smoking has a direct relation with lung cancer aused by smoking.
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1.pipali( Piper longum — use — Make powder of all and take one spoon morning and evening with honey.
2.Hirak Rasayan .+ Tal sindur + abrakh bhasm + Mayur pakxika bhasma+ swarna makshika bhasma+ swarn bhasm + singur bhasma ( swarn bhasma500mg ) aal bhasm 3 gram )
Not — Make powder of all and take one spoon morning and evening with honey.
3. Kankasw – 2 spoon med. + 2 spoon hot water take it day and night.
4. Talisadichurn – 1spoon day night With hot water
5. Ramvias ras + Arogyavardhini vati
– Take it – 2 -2Tablet par each day night
With – tulsi khadha 2 spoon + 2 spoon hot water day night.
Not.– Sitting at home through video call, showing the patient, showing the test, can ask for the full course of medicine
सम्पर्क सूत्र- Dr. U.K
BAMS , MD BHU Vvaransi
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Mobile- 8294088919
singhumesh64305@gmail.com

चेस्ट कैंसर Breast cancer
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जिसमें आस्थान कोशिकाओं का विभाजन सामान्य नियंत्रण के अधीन नहीं रहता ,चेस्ट कैंसर के लगभग 80% दुग्ध वाहिनी यो से संबंधित होते हैं. अन्य है 20% लोब्यूल्स से जुड़े होते हैं कई बार ट्यूमर (गांठ) इतनी धीमी गति से बढ़ते हैं की जब तक महसूस करें तब तक देर हो जाती है. स्तन कैंसर में लोब्युल्स या डक्ट असामान्य कोशिकाएं सेल फुटकर आसपास के उत्तको में फैल जाती है जिससे उन्हें आक्रमणकारी कैंसर कहते हैं.
—दूसरा कार्सिनोमा (इनसीटू) के नाम से जाना जाता है. इस कैंसर के असामान्य कोशिकाएं दुग्ध ग्रंथियों मैं बढ़ती है इन्हें इनसीटू यानी प्लेस कहा जाता है हार्मोन का प्रभाव स्तन कैंसर की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण भूमिका रुलाता है.
डिंब ग्रंथि ओवरी मे निर्मित होने वाले कुछ हार्मोन इस रोग को बढ़ाते हैं. हार्मोन कई प्रकार के होते हैं. परंतु उनमें प्रोजेस्ट्रोन टेस्टी वीरान और एस्ट्रोजन मुख्य है । स्त्रियों में प्रोजेस्ट्रोन एवं एस्ट्रोजॉन हार्मोन पाए जाते हैं जब इन हार्मोन मैं असामान्य वृधि होती है तो कैंसर की संभावना बढ़ जाती है
लक्षण उस ट्यूमर जिनमें लक्षणों को बताना कठिन होता है
प्रमुख लक्षण
चुचक से स्त्राव होना
चुचक स्तन के मध्य भाग मे होता है जिसमें 15 से 20 दुग्ध वाहिनीयो का मुख खुलता है स्तन के स्नायु कोषों में दुग्ध ग्रंथियां होती है प्रत्येक ग्रंथि को अपनी स्वतंत्र नालीका होती है जिससे चुचक तक दुग्ध पहुंचता है.
जब चुचक से रक्त स्राव होने लगता है तो दुग्ध लाल नलीकाओ मैं कैंसर होता है
स्तन में गाँठ हो जाती है ।कभी छूने से दर्द होता है ।कुछ स्तन कैन्सर में दर्द नही होती।
जब चुचक से रक्तस्राव होने लगता है तो दुग्ध वहिनियों में केन्सर होता है । उस ओर के चुचक के चारों ओर से स्तनमंडल का अकार छोटा हो जाता है ।उपर के त्वाचा में परिवर्तन होने लगता है
आरम्भ में स्तन पर एक छोटी गाँठ होती है ।
कभी कभी दुध की रसौली भी बन जाती है
जिस स्तन में केन्सर होता है उस ओर के चुचक में उभर दिखाई देता है ।
उपचार
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जॉंच- वायोप्सी जांच , कभी कभी स्तन पर एक छोटी गाँठ उठती है । जिससे बगल में गिल्टि नही होती ।
परन्तु धीरे- धीरे ये ग्लिटीयाँ कठोर हो जाती है ।
— शल्य चिकित्सा- पुर्ण स्तन को निकाल देना
यानी मेस्क्टोनी किया जाता है ।
आयुर्विज्ञान- आयुर्वेद के माध्यम से शल्य चिकित्सा की जरुरत नही परती है ।
आयुर्वेद- औषधियों के द्वारा स्तन कैन्सर को सम्पुर्ण रुप से उपचार कर दिया जाता है
— मै खुद अभी तक 300 स्तन कैन्सर का सफल उपचार किया है
आयुर्वेद ओषधि
———————
1— भस्म — सिंगरक सफेद भस्म +अभ्रक भस्म +प्रवाल पिष्टी +लौह भस्म +ताल सिन्दूर +ताम्र भस्म +सवर्ण भस्म + अपृता तुलसी बीज +हीरक भस्म +कामदुग्धा +वैक्रान्त भस्म + रस सिन्दूर +गिलोस्त्व +mayurpichha bhasm +Gandhak Rasayan
( सभी 500ं mg ) अच्छे तरह से मिलाकर 30 पूरीया बना ले । सुबह – शाम 1 -1 पुरीया शहद के साथ लें ।
2- Gojivha
3- kanchnar kwath — use in 2 spoon kwath + 2 spoon water – Day -Night
4- Rasnadi gugglu+ mahayograj gugglu -use in — 1-1 tablet दोनो में से सुबह शाम शहद से लें ।
5.Aarogya vardhani vati + kachanar gugglu — use in 2- 2 tablet Day – Night
With Got milk
Complementary Treatment
Cancer is regarded as a fatal and complicated disease. It is a disease that is known to grow out of control and affect the surrounding tissues and the organs. When, over a period of time, toxins collect at the site of a particular organ; it may result in fatal growth in its surrounding cells. The groups of cells accumulate and produce swelling at the site. Nearby cells and tissues are also affected if the toxins are not removed as the diseased cells are circulated to other parts of the body through the blood stream. Cancer treatment in Ayurveda works on improving the quality of life of the patient through rejuvenation and improving the immunity.
–Lung cancer Treatments
— prostate cancer ,skin cancers, Brain cancer ,stomach cancer , liver cancer .
Blood cancer , Bone cancer ,Breast cancer ,servical cancer , Femele Genital cancer – any cancer
Not.– Sitting at home through video call, showing the patient, showing the test, can ask for the full course of medicine
सम्पर्क सूत्र- Dr. U.Kumar
BAMS , MD BHU Vvaransi
oncologist.
Mobile- 8294088919
singhumesh64305@gmail.com

लिवर कैंसर तब होता है जब लिवर की कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन विकसीत करती हैं, सेल का डीएनए एक ऐसी चीज है,जो आपके शरीर में हर रासायनिक प्रक्रिया के लिए निर्देश देता है. डीएनए म्यूटेशन इन निर्देशों में परिवर्तन का कारण बनता है. इसका परिणाम यह है कि कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर बढ़ने लगती हैं और एक ट्यूमर बनने लगता है.
for singular focus and exceptional outcomes
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लिवर कैंसर पेट में होने वाले कैंसर में से एक गम्भीर प्रकार का कैंसर है ।
लिवर हमारे शरीर का अहम भाग है। जो कि शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। लिवर पित्त के उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाता है। यह विटामिन, वसा जैसे अन्य पोषक तत्वों को पचाने में मदद करता है। लिवर कैंसर 40 साल की उम्र के लोगों को होने का ज्यादा खतरा रहता है।लिवर कैंसर वैसे तो लिवर में शुरू होता है या फिर लिवर में शरीर के अन्य अंगों से फैलता है। दूसरे भागों से होकर लिवर तक होने वाले कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाने वाला ठोस ट्यूमर है, जिसके एक मिलियन से अधिक मामलों का हर वर्ष इलाज किया जाता है।
क्या होता है लिवर कैंसर ?
लिवर कैंसर को हेपेटिक कैंसर भी कहा जाता है। लिवर कैंसर एक ऐसी स्थिति है जहां लिवर में कैंसर कोशिकाओं की उपस्थिति और वृद्धि के कारण लिवर ठीक से काम करना बंद कर देता है। लिवर रक्त और विषाक्त पदार्थों को छानने और पित्त का उत्पादन करने वाला एक ग्रंथि बड़ा अंग है। इसके कारण, रक्तप्रवाह से गुजरने वाली विभिन्न कोशिकाएं जिगर तक पहुँचती है, जिसमें कैंसर कोशिकाएं भी शामिल हैं जो ट्यूमर में विकसित होती हैं। इस प्रकार लिवर कैंसर की शुरुआत होती है।
लिवर कैंसर दो प्रकार के होते हैं :-
लिवर कैंसर के प्रकारों को प्राथमिक और द्वितीयक लिवर कैंसर में बांटा गया है। प्राथमिक लिवर कैंसर लिवर में उत्पन्न होता है, जहां असामान्य कोशिकाएं विभाजित होने लगती हैं और तेजी से बढ्ने लगती हैं, जबकि द्वितीयक लिवर कैंसर पास के या अन्य आंतरिक अंगों के कैंसर का परिणाम होता है।
लिवर कैंसर के प्रकार :-
हालांकि दो सबसे आम लिवर कैंसर प्रकार प्राथमिक और द्वितीयक लिवर कैंसर हैं , इस स्थिति को लिवर में पाई जाने वाली असामान्य कोशिकाओं की विशेषताओं और प्रकारों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। ये रोगियों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के लिवर कैंसर हैं:
हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (एचसीसी) – 75% लिवर कैंसर कैंसर हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा पर आधारित होते हैं। यह हेपेटाइटिस बी या सी से संबंधित संक्रमण के माध्यम से उत्पन्न होता है।
फ़िब्रोलामेलर एचसीसी – एक दुर्लभ प्रकार का लिवर कैंसर है जो आमतौर पर चिकित्सा उपचारों और उपचारों के लिए बहुत रेस्पॉन्सिव होता है।
छोलंगिओकार्सिनोमा – यह लिवर के पित्त-नलिका में होता है और रोगियों में लिवर कैंसर के 10-20% मामलों में होता है।
एंजियोसारकोमा – यह लिवर में रक्त वाहिकाओं से शुरू होता है और वहां से तेजी से बढ़ता है। 1% लिवर कैंसर के मामले इस प्रकार के हैं।
सेकेंडरी लिवर कैंसर – जब शरीर के किसी अन्य स्थान से प्राथमिक कैंसर आंतरिक रूप से फैलने से लिवर को प्रभावित करता है, तो यह द्वितीयक लिवर कैंसर में बदल जाता है। अधिकांश लिवर कैंसर के मामलों को इस प्रकार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
लिवर कैंसर के लक्षण :-
• वजन कम होना
• उल्टी होना
• पीलिया
• भूख की कमी
• बुखार
• नार्मल खुजली
• हेपटेमेगाली
• बढ़े हुए स्प्लीन
• पेट में सूजन
• स्किन और आंखों का पीला होना
• पैरों में सूजन होना
• स्किन पर खुजली होना
• दाहिने कंधे की ब्लेड में या आसपास दर्द
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Aayuveda chiktisa——
1. Bhumvamalaki—–+2 T with arkmakoh 2 spoon kwath+ 2 spoon water day – night
2. Arogyavardhini 2T with panchvalkal kwath 2spoon kwath+ 2spoon water
3.Banga bhasma+Hiram bhasma+ svarn makxik bhasma +Mayur pakxika bhasma+Mandir bhasma + svarn bhasma (all bhasma 500mg )
—-Mix all the medicine and divide it into 30 parts.
1 puriya day and night With purnvarist 2sppn kwath + 2spoon water day and nigh
—-Avoid oil spice hard food.
Only night — Allovera kwath
20ml kwath + 20 ml water .
—Not.– Sitting at home through video call, showing the patient, showing the test, can ask for the full course of medicine
—सम्पर्क सूत्र- Dr. U.K
BAMS , MD BHU Vvaransi
oncologist.
Mobile- 8294088919
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जय श्री राम सुख एक मानसिक स्थिति है जब स्थितियां और संवेदना अनुकूल हो तो सुख की स्थिति महसूस होती है अनुभूति होती है स्थितियां और संवेदनाएं कभी एक सी नहीं रहती दूसरे शब्दों में सुख आने जाने वाला है आज जो अनुकूल है कल प्रतिकूल भी हो सकता है प्रकृति का नियम है गति इसलिए किसी भी प्रवाह को रोका नहीं जा सकता प्रकृति का नियम है गति इसलिए किसी भी प्रवाह को रोका नहीं जा सकता जो ऐसा करने की कोशिश करता है वह कभी सुखी नहीं होता सुखी तो वही होता है जो स्वयं स्थिर है और जो जानता है इस सत्य को जो अपनी खुली आंखों से प्रकृति की गतिशीलता को देखता है यह परिवर्तन हुई तो प्रकृति का सौंदर्य है यही सुख है

जी हां, आयुर्वेद से प्राकृतिक रूप से ठीक हो सकता है कैंसर, बिना दर्द के!
आयुर्वेद के साथ कैंसर, हृदय, गुर्दे, फेफड़े, यकृत, गठिया, स्ट्रोक और अन्य रोगों जैसे विभिन्न रोगों से राहत पाएं। बॉडी रिवाइवल प्रकृति की सर्वश्रेष्ठ 9 प्राचीन जड़ी-बूटियों की रचना है जो इम्यूनोथेरेपी, सेल थ्योरी और सेल रीजनरेशन के सिद्धांत पर काम करती है।
कैंसर, हृदय रोग, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी से संबंधित समस्याएं, पक्षाघात, तंत्रिका संबंधी विकार आदि जैसी स्वास्थ्य समस्याओं में राहत के लिए ये कीमती जड़ी-बूटियां और इसके उपचार गुण बहुत प्रभावी हैं।
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